आयुर्वेद – यह मूलतः २ शब्दों से बना है – आयु + वेद – जप आयु का ज्ञान से अथवा यह ज्ञान जिसके माध्यम से आयु की समस्त गुण को जाना जा सके. ज्ञान नियंत्रण से प्राप्त होता है नियंत्रण का प्रकार है आयाम जिसके माध्यम से प्राण पर नियंत्रण प्राप्त हो वह प्राणायाम है.

आयुर्वेद आज की आवश्यकता क्यों है ?
आयुर्वेद को दवा के रूप में लेना उचित नही है क्यूंकि जो भी भोज पदार्थ आपके जीवन (आयु) की वृद्धि का रहे हैं वह सब आयुर्वेद का ही भाग है जो आपको भूमि अथवा प्रकृति के किसी न किसी माध्यम से प्राप्त हो रहे हैं लेकिन आज के समय में व्यक्ति आयुर्वेद को कुछ पाउडर आदि के सम्मिलित स्वरुप की गोली को ही आयुर्वेद समझ बैठे हैं जो की गलत है अनाज, फल, जल रस आदि सब आयुर्वेद का ही भाग है जिनके माध्यम से मनुष्य अपना जीवन यापन करता है और अपने जीवन में रोग मुक्ति की प्राप्ति करता है. आज के समय में प्रदूषित वातावरण प्रकृति को भी उतना ही दूषित कर रहे हैं जितना मनुष्य स्वयं को इनके संपर्क में लाके कर रहा है इसी लिए आज के समय में आयुर्वेद की आवश्यकता इतनी अधिक है –

आयुर्वेद से होने वाले लाभ –
१. आयुर्वेद का कोई नुक्सान नही है अर्थात शरीर में किसी भी प्रकार से किसी अंग अथवा किसी भी प्रकार से कोई विकार नही उत्पन्न करता यदि निर्धारित मात्रा में सेवन किया जाये तो
२. आयुर्वेद के माध्यम से आप अपने शरीर को इतना शक्तिशाली करें की किसी भी प्रकार के रोग आपसे दूर रहें
३. आयुर्वेद मनुष्य को पूर्ण रूप से समझने में सक्षम है क्यूंकि आज से हजारों वर्ष पूर्व अनेक महाऋषियों ने इसकी जानकारी दी
४. आयुर्वेद के माध्यम से कभी किसी को जीवन में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं होती है एक औषधि अनगिनत लाभ प्रदान करती है लेकिन नुक्सान कोई भी नहीं
५. निरोगी जीवन आवश्यक है उस समय की परीक्षा करना की जब समस्या होगी तब देखेंगे यह उचित नहीं इसी लिए जीवन में कुछ औषधि का सेवन करते रहना चाहिए जैसे न जानते हुए भी हम रोज़ अनेक मसाले का सेवन करते हैं जिससे हमे नाना प्रकार के लाभ मिलते हैं.